संदेश

अगस्त, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गैंगस्टर से Don Abu Salem की अनसुनी कहानियां

चित्र
गैंगस्टर से Don बने bu Salem की अनसुनी कहानियां अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने जुर्म को एक नई परिभाषा दे दी है. गरीबी और मुफ्लिसी से जद्दोजहद करते हुए अंधेरी गलियों से निकलकर ये अपराधी ना केवल दुनिया भर की नजरों में आए, बल्कि इन्होंने अपने कारनामों से हर किसी के जहन में कभी ना भूल पाने वाला खौफ भी भर दिया. जी हां, ऐसा ही एक नाम है अबू सलेम का, जिसके खौफ से आज भी लोगों की धड़कने बढ़ जाती हैं. तो चलिए आज हम आपको गैंगस्टर से डॉन बने अबू सलेम की कुछ अनसुनी कहानियां बताते हैं. डॉन अबू सलेम अबू सलेम, जिसका पूरा नाम अबू समेल अब्दुल कयूम अंसारी है, वैसे कई जगहों पर उसे अकील अहमद आजमी, कैप्टन और अबू समान के नाम से भी जाना जाता है . अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का जन्म 1960 के दशक में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सराय मीर नामक गांव में हुआ था. अबू के पिता एक जाने माने वकील थे , लेकिन सड़क हादसे में उनकी मौत के बाद अबू सलेम का पूरा परिवार बिखर गया . अबू सलेम 7 भाई-बहन थे. मगर पिता की मौत के बाद परिवार बेहद गरीबी के दिन देखने पड़े थे. गरीबी ऐसी थी, कि अबू सलेम की मां ने छोटा-मोटा

Gangster Faheem Khan Story, गैंगस्टर फहीम खान की पूरी कहानी, जिस पर बॉलीवुड ने बनाई थी Gangs of Wasseypur 2

चित्र
Gangster Faheem Khan Story, गैंगस्टर फहीम खान की पूरी कहानी, जिस पर बॉलीवुड ने बनाई थी Gangs of Wasseypur-2 बाप का, दादा का, भाई का.....सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल...Gangs of Wasseypur 2फिल्म का ये डायलॉग तो आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं असल में ये डायलॉग और वो पूरी फिल्म किस इंसान की रियल लाइफ पर बनाई गई थी, अगर नहीं पता तो हम आपको बताते हैं, दरअसल, उस शख्स का नाम था फहीम खान, उर्फ फैजल, Faheem Khan उर्फ फैजल की कहानी की शुरुआत होती है 1980 के दशक से मगर इसका बीज बोया गया था 1956 में, जब वासे नाम के एक बिल्डर ने बिहार के धनबाद के बीचों बीच एक जंगल को काटकर मोहल्ला बसाया था , उस समय इस मोहल्ले में केवल सौ लोग रहते थे मगर उस मोहल्ले की आबादी अब ढाई लाख से ज्यादा है, ये धनबाद का सबसे बड़ा मोहल्ला है, क्योंकि मोहल्ले को बसाने वाले बिल्डर का नाम वासे था तो उसे आगे चलकर नाम मिला वासेपुर। फहीम खान इस पूरे इलाके में कोयले की खान को लेकर गुटबाजी और गैंगवार चलती थी, एक तरफ था वासेपुर का खान तो वहीं दूसरी तरफ इलाके के रहीस खानदान थे, तो दूसरी तरफ था रामाधीर का परिवार, मोहल्ले के खा