एक ऐसा पुलिसवाला जो खाकी उतारकर बन गया था खूंखार गैंगस्टर, बदला लेने के लिए कर दी थी हत्या

बलराज भाटी

एक रंजिश, एक ऐसी बेइज्जती जिसने दिल्ली पुलिस के सिपाही को गैंगस्टर बना दिया, जी हां हम बात कर रहे हैं गैंगस्टर बलराज भाटी की, जिसका जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के शिवनगर ढूंसरी गांव में हुआ था, बलराज जन्म से ही अक्खड़ किस्म का इंसान था, गांव में लोगों से छोटे-मोटे झगड़ा होना उसके लिए आम बात थी, किसान जगराज के घर में उसका जन्म जरूर हुआ था मगर उसका मन खेती में नहीं लगता था, और किसी के भी दवाब में काम करना उसे कतई भाता नहीं था। अच्छी कद काठी के चलते उसने दिल्ली पुलिस में भर्ती होने का मन बना रखा था और उसके लिए तैयारी भी करने लगा था मगर एक बार जब वो गांव की पोखर में अपने जीजा के साथ मछली पकड़ने गया, बस यहीं से उसके जीवन ने एक ऐसा मोड़ ले लिया जिससे वो गैंगस्टर बन गया।

मछली पकड़ने को लेकर शुरू हुआ था विवाद

दरअसल, गांव की जिस पोखर पर बलराज अपने जीजा के साथ मछली पकड़ने के लिए गया था वो गांव के एक रसूखदार आदमी पप्पू उर्फ कटार सिंह की थी, कटार सिंह ने उसे मछली पकड़ते हुए पकड़ लिया और जमकर मारपीट की, इतनी जिल्लत और बेइज्जती होने से बलराज के मन में ये बात बैठ गई और सने ठान ली थी कि जिस दिन वो किसी लायक होगा अपनी इस बेइज्जती का बदला जरूर लेगा। कटार सिंह ने बलराज की पिटाई तो की ही थी साथ ही उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने भी चौकी में लेजाकर उसे बुरी तरह पीटा था ये पिटाई उसे दिल्ली पुलिस का सिपाही बनने के बाद भी याद थी। कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती होने के बाद बलराज भाटी के परिजन खुश थे और बेटे को बधाई दे रहे थे।

दुश्मन कटार सिंह को बलराज बनाना चाहता था HIV का मरीज

बलराज भाटी का अपने गांव के कटार सिंह के खिलाफ गुस्सा इसलिए ज्यादा हो गया था क्योंकि वह उसे एचआईवी पीड़ित बनाना चाहता था। इसके लिए कटार सिंह ने एचआईवी पीड़ित एक महिला से भी संपर्क कर लिया था। - उसके संक्रमित खून को लेकर वह जल्द ही बलराज को इंजेक्शन लगवाना चाहता था। हालांकि, बलराज के पकड़े जाने से पहले ही उस महिला की मौत हो गई। कटार सिंह द्वारा की मारपीट को कई साल बीत गए और 1989 में बलराज दिल्ली पुलिस में सिपाही हो गया। नौकरी को एक साल ही हुआ था कि बलराज का नाम गांव के ही एक व्यक्ति की हत्या में सामने आया और वह जेल चला गया। जेल से छूटने के बाद बलराज गैंगस्टर सुंदर भाटी के गैंग में शामिल हो गया और शार्प शूटर बन गया। इसके बाद बलराज के सिर पर पप्पू उर्फ कटार सिंह से बदला लेने का जुनून सवार हो गया। इसके बाद साल 2012 में कटार सिंह और उनकी पत्नी की एके-47 से भून कर हत्या कर दी गई थी और इस हत्याकांड में नाम आया था बलराज भाटी का।


बलराज ने कटार सिंह और उसकी पत्नी पर चलाई थी 140 से ज्यादा गोलियां

बलराज को शक था कि उसे पप्पू ने ही रसूख के दम पर फंसाया है। इस बात का पता चलने के बाद ही गुस्से में बलराज ने कटार सिंह और उसकी पत्नी पर 140 से ज्यादा गोली चलाई थी। इसका पता चलने पर बलराज की दिल्ली में विभागीय जांच शुरू हो गई थी। वहीं 2007 में इसे दिल्ली पुलिस से बर्खास्त भी कर दिया गया था।

साल 2007 में बलराज भाटी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ और इसी मामले में गिरफ्तार करके बलराज भाटी को बुलंदशहर जेल भेज दिया गया। जेल जाने के बाद शुरू हुई एक सिपाही के गैंगस्टर बनने की दास्तान। जेल में ही बलराज भाटी की मुलाकात कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई और दोनों में अच्छी दोस्ती भी हो गई। जेल से छूटने के बाद ही बलराज भाटी ने सिकंदराबाद के एक आदमी की सुपारी लेकर हत्या कर दी। सुपारी लेकर हत्या, अपहरण और लूट जैसे जघन्य अपराधों को बलराज पलक झपकते ही अंजाम देता था हत्या के मामले में एक चश्मदीद गवाह को भरी कचहरी में मौत के घाट उतार दिया था।

इसके बाद कटार सिंह की हत्या के चश्मदीद गुलाब सिंह की दिन दहाड़े भरी कचहरी में हत्या हुई और फिर गुलाब के भतीजे विपिन की कोतवाली से महज कुछ ही दूरी पर हत्या हो गई थी। इन दोनों हत्याकांडों में भी बलराज भाटी का नाम आया था। बलराज पर बिजनौर में नंदू उर्फ रावण, दादरी के बीजेपी नेता विजय पंडित, फरीदाबाद के रहने वाले शशि नागर समेत 3 की हत्या का भी मामला दर्ज था। देहरादून में टीटू बिल्डर की हत्या का आरोप भी उस पर था।

जेल में बंद रहकर भी करवा देता था बड़ी वारदातें

जुर्म की दुनिया में बलराज भाटी का खौफ इस कदर था कि एक समय था जब ज्वैलर उसके नाम से खौफ खाते थें। जेल में बंद अपने आका सुंदर भाटी के इशारे पर बलराज ने कई अपराधों को अंजाम दिया था लेकिन वो कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका था। शायद यही वजह थी कि वो जल्दी ही एक बड़ा गैंगस्टर बन गया और सुंदर भाटी का दाहिना हाथ भी बन गया था। जून 2014 में बलराज का नाम फिर सुर्खियों में आया जब नोएडा में भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या कर दी थी। जिसके बाद से बलराज पर पुलिस ने ईनाम घोषित कर दिया था।

ऑपरेशन राज के तहत पुलिस ने किया था एनकाउंटर

ढाई लाख रुपए के इनामी बदमाश बलराज भाटी के बारे में हरियाणा एसटीएफ को सटीक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद रविवार रात 12 बजे बलराज के नाम पर ही ऑपरेशन राजशुरू किया गया। रातोंरात ही हरियाणा एसटीएफ के एसएसपी सतीश बलान ने डीएसपी राहुल देव के नेतृत्व में स्पेशल-16 की एक खास टीम बनाई। घोषित किया था। बलराज भाटी नोएडा के सेक्टर- 49 के आगाहपुर में गांव में स्थित बीकानेर स्वीट शॉप में बलराज भाटी अपने कुछ साथियों के साथ बैठा हुआ था। पुलिस को देखते ही बलराज शॉप के पीछे बने अहाते की तरफ भागा और फायरिंग की जिसके बाद पुलिस ने उस पर गोली चला दी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

यह पूरा ऑपरेशन सोमवार दोपहर 12:05 बजे खत्म हुआ। बलराज पर ढाई लाख रुपए का ईनाम घोषित था। हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने एक-एक लाख और यूपी पुलिस ने 50 हजार का इनाम जिसकी जानकारी पुलिस को मिली और यूपी एसटीएफ और हरियाणा एसटीएफ की एक टीम मौके पर पहुंच गई। उसके दो साथी मौके से फरार हो गए हैं। बलराज के पास से 9 एमएम की एक पिस्टल बरामद की गई है। बलराज गैंगस्टर सुंदर भाटी का बहुत खास आदमी था। बता दें, बलराज 19 मामलों में वांटेड था। पुलिस को उसके पास से मुठभेड़ के दौरान 1 कार्बाइन और 1 पिस्तौल बरामद हुई है। 

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