The real story of Jaggu Bhagwanpur, जग्गू भगवानपुर की असली कहानी
Jaggu Bhagwanpur, एक ऐसा गैंगस्टर जो दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए करता था अपनी प्रेमिका का इस्तेमाल
Jaggu Bhagwanpur उर्फ जसदीप सिंह, एक ऐसा गैंगस्टर जो अपने दुश्मन को सबक सिखाने के लिए हुस्न का सहारा लेता था, और इस काम में उसकी मदद और कोई नहीं बल्कि उसकी अपनी प्रेमिका करती थी, कहा जाता है कि जब भी जग्गू को किसी दुश्मन को सबक सिखाना होता था तो वो अपनी माशूका को ताश के पत्ते की तरफ इस्तेमाल करता था उसके दुश्मन जब प्रेमिका के हुस्न के जाल में फंस जाते थे तो उनका सामना जग्गू से होता था। जग्गू के सिर से पिता का साया कम उम्र में ही उठ गया था, उसका एक भाई भी है जो विदेश में रहता है, उसने महज 11वीं क्लास में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था, तब तक लोग उसे जसदीप सिंह के नाम से ही जानते थे।
शादी के तीन महीने बाद ही पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया
छोटी सी
उम्र में जग्गू की किस्मत का पहिया ऐसा घूमा कि उसके माथे पर अपराधी का ठप्पा लग
गया, जहां से वापसी कर पाना उसके बस की बात नहीं थी, दरअसल, पंजाब के भगवानपुर
गांव से थोड़ी ही दूर धीयानपुर गांव में एक कत्ल हुआ था जिसमें जग्गू का नाम सामने
आया था, इसी मामले के बाद जुर्म की दुनिया में जग्गू का सिक्का भी चलने लगा। सन् 2000 में जग्गू ने लव मैरिज की थी लेकिन शादी के तीन चार महीने बाद ही
पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था, जुर्म की दुनिया की बात की जाए तो यहां
जग्गू का बॉस गैंगस्टर गुरी था, जो अब इस दुनिया में नहीं है।
एक समय जग्गू भगवानपुरिया और सुक्खा कहलवा साथी हुआ करते थे, जग्गू पर लूट, डकैती और हत्या के 26 से भी ज्यादा केस दर्ज हैं. पुलिस द्वारा अकाली दल लीडर मुखजीत सिंह मुखा के एनकाउंटर के बाद जग्गू का नाम सुर्खियों में रहने लगा था. यही वह समय था जब पंजाब के लोगों ने एक और खतरनाक गैंगस्टर जग्गू के बारे में जाना, एक समय की बात है जब 16 जून 2015 की शाम पुलिस नाके पर घात लगाकर जग्गू का इंतजार कर रही थी, पर उस दिन गलती से जग्गू की जगह अकाली दल लीडर मुखजीत सिंह मुखा मारा गया था. इस एनकाउंटर के बाद पुलिस ने जग्गू को पकड़ने का अभियान और तेज कर दिया था। कहां जाता है कि अमृतसर के गैंगस्टर बब्बा का कत्ल भी जग्गू ने ही किया था. इस समय तक जग्गू का नाम जुर्म की दुनिया में तेजी से बढ़ रहा था और इसी के साथ ही पुलिस भी उसको पकड़ने में जोरों-शोरों से लग गई थी.
पत्नी के समझाने पर भी अपराध की दुनिया नहीं छोड़ी
आखिरकार जग्गू को बोपाराय गांव में गिरफ्तार कर लिया गया. जेल में होने के बावजूद उसे दुश्मनों के हर काम की खबर होती है, जग्गू की पत्नी हरमनजीत अपनी 5 साल की बच्ची के साथ रह रही है उसकी पत्नी ने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने जुर्म की दुनिया को नहीं छोड़ा. जग्गू अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए हुस्न का भी सहारा लेता था. जब वह गिरफ्तार हुआ तो उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी प्रेमिका को भी पकड़ा गया था।
जग्गू अभी पटियाला जेल में बंद है. उसके बावजूद
जब भी कोई गैंगवार होता है तो सबसे पहले जग्गू का ही नाम लिया जाता है. उसकी मां
का मानना है कि जग्गू पर जितने भी आरोप लगे हैं उन्हें बढ़ा चढ़ाकर बताया गया है.
बहुत से केसों में नाम होने के कारण पुलिस
उसे कई जिलों में शिफ्ट कर चुकी है, फिलहाल वह
पटियाला जेल में बंद है। जग्गू का परिवार हमेशा इसी खौफ में जीता है कि कहीं
सुक्खा कहलवा की तरह उसके दुश्मन पुलिस कस्टडी मे ही सका कत्ल ना कर दें।
जेल में भी अंकुर लिखारी ग्रुप से भिड़ गया था जग्गू
केंद्रीय
जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और अंकुर लिखारी ग्रुप एक बार तो आपस में इस
कदर भिड़ गए थे, कि दोनों तरफ से ईंट -पत्थर चले और आधा दर्जन जग्गू और लिखारी
ग्रुप के मैंबर घायल हो गए, जिसमें जग्गू को भी गंभीर चोटें लगीं। उसे कड़े सुरक्षा
प्रबंधों में स्थानीय सिवल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जानकारी के मुताबिक बीती
शाम गैंगस्टर जग्गू ने अंकुर लिखारी के साथी पर हमला कर कर उसे घायल कर दिया था, जिसका
बदला लेते हुए रंजिश के तहत अंकुर लिखारी ने अपने साथियों के साथ जग्गू ग्रुप पर
हमला बोल दिया। इसके बाद जेल प्रशासन ने किसी तरह दोनों ग्रुपों को अलग किया। तब
तक आधा दर्जन नौजवान घायल हो चुके थे। घटना की जानकारी थाना गेट हकीमा की पुलिस को
दे दी गई है।
जग्गू को बटाला के गांव ढिलवां के पूर्व अकाली सरपंच दलबीर सिंह ढिलवां कत्लकांड के मामले में बटाला पुलिस अपनी कस्टडी में लेकर आई थी. जब कोरोना काल में देशभर में कोरोना फैला हुआ था तो ये संक्रमण देशभर की जेलों में भी अपने पांव पसारने लगा था, तब कई गैंगस्टर और खूंखार अपराधी भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, गुरदासपुर में जब कोरोना पॉजिटिव लोगों की रिपोर्ट आई तो उसमें एक नाम जग्गू का भी शामिल था, जिसके बाद बटाला पुलिस के हाथ पांव फूल गए, क्योंकि इससे आशंका ये जताई जाने लगी की कहीं जग्गू पटियाला जेल से तो कोरोना संक्रमित होकर नहीं आया है, क्योंकि अगर ऐसा है तो वहां के कैदी बड़ी संख्या में उसके संपर्क में आने से पॉजिटिव हो सकते थे। तुरंत 40 पुलिसकर्मियों को भी क्वारंटनी कर दिया गया था।
जेल में जग्गू हो गया था कोरोना पॉजिटिव
बटाला पुलिस तो जग्गू को पूछताछ करने के लिए प्रोडक्शन वारंट पर बटाला लाई थी और वह पांच दिन के रिमांड पर था। रुटीन के मुताबिक उसका टेस्ट करवाया गया था जो पॉजिटिव आया। इस रिपोर्ट के बाद थाना सिविल लाइन के सामने जग्गू की मां हरजीत कौर और बुआ मनिंदर कौर पहुंची और पुलिस पर जग्गू का जानी नुकसान करने के आरोप लगाए। हरजीत कौर ने सरकार से मांग की है कि अगर सच में जग्गू को कोरोना हुआ है तो उसका अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया जाए। जब तक पुलिस उसे उसके बेटे से मिलने नहीं देती तब तक वह थाने के सामने ही बैठी रहेगी। बहरहाल जग्गू आज भी जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहा है आज भी उसके गुर्गे उसके नाम पर लोगों से फिरौती की मांग करते हैं।



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