अमित भूरा एक ऐसा गैंगस्टर जो पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर हो गया था फरार

 अमित भूरा

 story of gangster amit bhura


जो ब्रांडेंड कपड़ों का था शौकीन, जो पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर हो गया था फरार, जिसके पास हर शहर में होती थी अलग गर्लफ्रैंड, जो अकेला ही लूट लिया करता था कार, उसका नाम है अमित भूरा, उर्फ अमित मलिक, रंग जरूरत से ज्यादा गौरा था लिहाजा उसे भूरा नाम मिला, दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की पुलिस को अमिर भूरा ने नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। तीनों राज्यों की पुलिस उसे ढूंढने में लगी थी एक वक्त तो ऐसा था जब वो तीनों राज्यों की पुलिस का टारगेट नंबर एक था। अमित का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर के सरनावली गांव में हुआ था, उसके पिता का नाम यशपाल मलिक था। पहली बार बाइक लूट मामले में उसका नाम सामने आया था, जिसका पता दो साल बाद चला था, कहते हैं उसने मामूली विवाद में दुकानदार की हत्या कर दी थी, मधु विहार थाने में 2010 में हुई गिरफ्तारी के बाद तैयार उसके डोजियर के मुताबिक, उसके आपराधिक जीवन की शुरुआत राजपाल नाई के गिरोह से हुई थी। उसने मुजफ्फरनगर में उसके खिलाफ गवाह का मर्डर किया।

पुलिस का मुखबिर बन गया था भूरा

2002 में पुलिस एनकाउंटर में राजपाल की मौत के बाद वह मुजफ्फरनगर के कुख्यात भाइयों नीटू कैल और बिट्टू कैल के गिरोह में शामिल हुआ। पुष्पेंद्र, अनिल भारसी और राजीव भूरा समेत इस गिरोह ने कुख्यात धर्मेंद्र किरठल के गांव किरठल में उसके पिता समेत पांच लोगों को मार डाला था। 2005-06 में यूपी में तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा की टीम ने इन सभी का सफाया कर दिया था, लेकिन भूरा बच गया। इसके बाद भूरा पुलिस के हाथ तो लगा मगर कुछ साल जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद वो पुलिस का मुखबिर बन गया मगर उसने अपने काले कारनामे बंद नहीं किए। कहा जाता है कि वो अकेला ही कई कार लूट को अंजाम दे चुका था, विशाल मैगा मार्ट की लूट में भी उसका नाम सामने आया था, 2 दिसंबर 2009 की सुबह 7 बजे गाजीपुर में दिल्ली बॉर्डर पर एमसीडी टोल बूथ पर 19 लाख 35 हजार रुपये इनोवा सवार बदमाशों ने दो मिनट में लूट लिए थे। इनोवा की नंबर प्लेट पर पुलिस का निशान था। मधु विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। स्पेशल स्टाफ ईस्ट ने एक साल बाद अमित भूरा और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया था। कल्याणपुरी थाने में 2009 में महिंद्रा लोगान कार लूट का केस उस पर दर्ज है। क्राइम ब्रांच में 2009 में आर्म्स एक्ट के तहत उस पर एफआईआर नंबर 105 दर्ज हुई थी।

उत्तराखंड पुलिस के जवानों को शराब पिलाकर हुआ था फरार 

एक बार तो भूरा गिरफ्तार होने के बाद 15 दिसंबर 2014 को उत्तराखंड पुलिस के जवानों को शराब पिलाकर उनकी कस्टडी से फरार हो गया था। उस पर मेरठ में बैंक लूट, फरीदाबाद में एलसीडी टीवी से भरा ट्रक लूटने और बरेली में शुगर मिल की 15 लाख की रकम लूट के केस भी दर्ज हैं।इस साल 5 अगस्त को रुड़की जेल से जमानत पर बाहर निकल रहे चीनू पंडित नामक मुलजिम पर फायरिंग की गई थी। चीनू तो वापस दौड़कर जेल में घुस गया था, लेकिन उसे रिसीव करने आए तीन लोग मारे गए थे। रुड़की पुलिस के मुताबिक, वह फायरिंग उत्तराखंड के कुख्यात सुनील राठी ने अमित भूरा से कराई थी।

कहा जाता है इसके बाद भूरा अपना गिरोह बनाकर दिल्ली-एनसीआर में सेटल हो गया। ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के तत्कालीन डीसीपी केशव द्विवेदी के मुताबिक, उन दिनों वह कौशाम्बी के अरावली टावर में आठवें फ्लोर पर एक फ्लैट में ठहरा हुआ था। उसने कौशाम्बी में करोला और इनोवा गाड़ी लूटी। कहा जाता है कि दिल्ली से मुंबई तक उसकी कई गर्लफैंड हुआ करती थीं। उसे अपराध की दुनिया में सुपारी किलर कहा जाने लगा, यूपी सरकार और उत्तराखंड सरकार ने उसपर पांच-पांच लाख रुपए यानि कुल 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। भूरा कई हत्याकांडों, बैंक रॉबरी, टोल रॉबरी, ट्रक लूट और पुलिस की कस्टडी से दो बार फरारी का मुलजिम है। फरार होने के बाद उस समय यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारियों को बुलाकर जमकर फटकार लगाई थी।

दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना ने कराया था फरार

भूरा एक केस में उत्तराखंड पुलिस की कस्टडी में था। 15 दिसंबर को बागपत में मुजफ्फरनगर का शातिर बदमाश अमित सिंह उर्फ भूरा कोर्ट में पेशी के लिए आया था। बताया जाता है कि कोर्ट परिसर के पास स्कॉर्पियो में उसके साथी पहले से ही इंतजार कर रहे थे। उन्होंने मौके पर फायरिंग की थी। साथ ही पुलिस की दो एके-47 और एक एसएलआर राइफल भी लूट ले गए थे। भूरा को फरार करने के पीछे ये भी कहा जाता है कि दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना का हाथ था।



लेकिन इसके बाद यूपी के सबसे बड़ा बदमाश बन चुके अमित भूरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस ने पटि‍याल से उसे धर दबोचा है। इससे पहले अमित भूरा काफी खूंखार हो गया था क्योंकि दो दो राज्यों की पुलिस ने उस पर पांच-पांच लाख का ईनाम जो रखा था, उसे घमंड हो गया था कि उसके उस्ताद से ज्यादा पुलिस को उसकी तलाश है जिसकी वजह से वो बड़ी बड़ी वारदातों को अंजाम देता चला गया।

बहरहाल अमित भूरा पटियाला की जेल में बंद है और अपने कर्मों की सजा काट रहा है, कहा जाता है कि उसके नाम से उसके गुर्गे आज भी लोगों से फिरौती की डिमांड करते हैं। दोस्तो आपको ये वीडियो कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताए और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूलें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जिस वकील ने की पैरवी उसी से दिल लगा बैठा था Gangster Sunil Rathi, सुनील राठी की पढ़िए पूरी कहानी

गैंगस्टर से Don Abu Salem की अनसुनी कहानियां

Monu Dariyapur, एक ऐसा Gangster जो साथी Gangster Sonu Dariyapur की बहन से कर बैठा था मोहब्बत