KGF की तरह पंजाब के फाजिल्का में भी जन्मा था गैंगस्टर रॉकी उर्फ जसविंदर सिंह

 जसविंदर सिंह

आपने हाल ही में रिलीज हुई साउथ की फिल्म केजीएफ टू देखी होगी, जिसमें रॉकी भाई का किरदार सभी को बेहद पसंद आया, ऐसा ही एक रॉकी की पंजाब में भी था, जिसका जन्म 1971 में फाजिल्का के एक छोटे से गांव में हुआ था, ये रॉकी भी गैंगस्टर से नेता बन गया था जिसकी हार के बाद भी सत्ता के भागीदारों के साथ अच्छी बातचीत थी, आप इस बात से जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी की ताकत का अंदाजा लगा लिजिए की उस पर अलग अलग राज्यों में 22 सीरियस केस दर्ज थे फिर भी पंजाब पुलिस के चार जवान उसकी सुरक्षा में हमेशा तैनात रहते थे, कहा तो ये जाता है कि फाजिल्का में उसे अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिए गए थे, जिसकी किसी को भनक तक नहीं थी।


गैंगस्टर रॉकी उर्फ जसविंदर सिंह

जसविंदर सिंह रॉकी का 90 के दशक के बाद दबदबा बन रहा था। उस समय पंजाब में भी अपराध का स्तर भी बढ़ चुका था। बताते हैं कि रॉकी की मुलाकात इसी बीच यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी से हुई और उसी की दिखाई राह पर रॉकी आगे बढ़ गया। यूपी के विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में उसे उतारा था। इसके बाद रॉकी धीरे-धीरे अंसारी की आपराधिक गतिविधियों का राजदार बन गया। साल 1994 आते-आते कई मामलों में रॉकी का नाम सामने आया था। लेकिन 1997 में इलाहाबाद के व्यापारी नंद किशोर रूंगुटा की किडनैपिंग और मर्डर केस ने सभी को हैरान कर दिया। साल 1997 में व्यापारी हत्या से जुड़े मामले में रॉकी पर केस तो दर्ज हुआ ही बल्कि अंसारी के साथ सीबीआई ट्रायल भी हुआ, लेकिन केस में गवाहों के मुकरते ही दोनों छूट गए। इसके बाद 1998 में बैंगलोर के कारोबारी निर्मल कुमार जयपुरिया के अपहरण मामले में भी रॉकी का नाम सामने आया।

बीजेपी की टिकट पर चुनाव भी लड़ा

इस मामले में छूटने के बाद 2002 में वह पंजाब लौटा तो यहां उसका साथी प्रभजिंदर सिंह डिंपा अपना गैंग चला रहा था। जसविंदर के पंजाब लौटने के बाद दोनों में जंग छिड़ गई तो साल 2006 में प्रभजिंदर की हत्या कर दी गई। इस मामलें में रॉकी का नाम तो आया, लेकिन सबूतों ना होने से वह बरी हो गया। साल 2007 से 2012 तक रॉकी के ऊपर हत्या और अपहरण के 8 केस दर्ज हुए। इस बीच रॉकी ने राजनीति में अपना कदम रखा और 2012 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के सामने खड़ा हो गया, इस चुनाव में जसविंदर सिंह रॉकी हार तो गया मगर उसे जनता का खूब समर्थन मिला था, इसलिए 39 हजार वोट हासिल करने वाले रॉकी का हौसला टूटा नहीं, उसे सत्तादल का भी साथ मिल गया था अब वो पहले से भी ज्यादा बैखौफ होकर वारदातों को अंजाम देने लगा

2015 में एक बार फिर पंजाब और राजस्थान के आपराधिक मामलों में 4 केस दर्ज हुए। रॉकी पर 1994 से लेकर 2016 तक हत्या, हत्या की साजिश, अपहरण जैसे अन्य संगीन जुर्मों में 22 मामले दर्ज थे। खास बात यह कि रॉकी को पंजाब पुलिस की तरफ से सुरक्षा में 4 पुलिसकर्मी दिए गए थे। कहा तो ये भी जाता है की फाजिल्का पुलिस ने रॉकी को लोकल लेवल पर भी सुरक्षा दी गई थी, जिसका पता किसी को नहीं था।

 इसमें मर्डर, अटेंप्ट टू मर्डर, किडनैपिंग, फिरौती और साजिश रचने जैसे संगीन अपराध कर चुके जसविंदर सिंह रॉकी के पाप का घड़ा अब भर चुका था, साल 1994 में शुरू हुआ रॉकी के अपराध का यह दौर उसकी मौत से कुछ दिनों पहले थम सा गया था। जुर्म की दुनिया में बने उसके दुश्मनों ने फाजिल्का के नेता और गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी को साल 2016 में हिमाचल के परवाणू में मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना में रॉकी के दोस्त परमपाल पाला को भी गोली लगी थी। जानकारी के मुताबिक 30 अप्रैल 2016 को जसविंदर सिंह रॉकी अपने दोस्त परमपाल पाला और दो सुरक्षाकर्मियों के साथ हिमाचल प्रदेश के सोलन से चंडीगढ़ आ रहा था। सुबह 10 बजे के करीब रॉकी की गाड़ी जैसे ही परवाणू के टीटीआर होटल के पास पहुंची, वैसे कुछ रोड किनारे खड़े दो अज्ञात हमलावरों ने रॉकी की चलती हुई गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी और फरार हो गए। इस हमले में रॉकी के दोस्त परमपाल पाला के कान में गोली लगी थी लेकिन फिर भी उसने बहादुरी दिखाई और घायल हालत में ही कार चलाकर अस्पताल पहुंच गया लेकिन तब तक जसविंदर रॉकी की मौत हो चुकी थी।

शिमला से लौटते वक्त कर दी थी हत्या


जसविंदर की मौत के कुछ समय बाद उसके विरोधी गुट के अलग-अलग गैंगस्टर्स ने सोशल मीडिया पर जसविंदर की कार की फोटो डालते हुए लिखा था कि उनका बदला पूरा हो गया। इस पोस्ट में खास बात यह थी कि जिन-जिन अकाउंट से ऐसी बातें लिखी गई थी
, उनमें से अधिकतर अपराधी जेल में थे।कहा जाता है की चार अज्ञात बदमाश दो वाहनों पर सवार होकर आए थे, शनिवार के दिन जब रॉकी की हत्या हुई थी तब भी उसके दो गनमैन उसके साथ ही मौजूद थे। पुलिस के मुताबिक करीब 40 साल के जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी अपने एक दोस्त के साछ छुट्टियां मनाकर शिमला से चंडीगढ़ लौट रहा था. उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उसकी टोयोटा फॉर्च्यूनर को रोक लिया और ड्राइवर और रॉकी पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं.
 
2022 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी की बहन राजदीप कौर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजदीप कौर का पार्टी में स्वागत किया। पार्टी में शामिल होने के बाद राजदीप कौर ने अपने भाई को याद करते हुए कहा था कि मेरे भाई का सपना गरीबों की सेवा करना था अब उन्हें देखने के लिए कोई नहीं है, मैं अपने भाई का सपना पूरा करूंगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जिस वकील ने की पैरवी उसी से दिल लगा बैठा था Gangster Sunil Rathi, सुनील राठी की पढ़िए पूरी कहानी

गैंगस्टर से Don Abu Salem की अनसुनी कहानियां

Monu Dariyapur, एक ऐसा Gangster जो साथी Gangster Sonu Dariyapur की बहन से कर बैठा था मोहब्बत