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गैंगस्टर से Don Abu Salem की अनसुनी कहानियां

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गैंगस्टर से Don बने bu Salem की अनसुनी कहानियां अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने जुर्म को एक नई परिभाषा दे दी है. गरीबी और मुफ्लिसी से जद्दोजहद करते हुए अंधेरी गलियों से निकलकर ये अपराधी ना केवल दुनिया भर की नजरों में आए, बल्कि इन्होंने अपने कारनामों से हर किसी के जहन में कभी ना भूल पाने वाला खौफ भी भर दिया. जी हां, ऐसा ही एक नाम है अबू सलेम का, जिसके खौफ से आज भी लोगों की धड़कने बढ़ जाती हैं. तो चलिए आज हम आपको गैंगस्टर से डॉन बने अबू सलेम की कुछ अनसुनी कहानियां बताते हैं. डॉन अबू सलेम अबू सलेम, जिसका पूरा नाम अबू समेल अब्दुल कयूम अंसारी है, वैसे कई जगहों पर उसे अकील अहमद आजमी, कैप्टन और अबू समान के नाम से भी जाना जाता है . अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का जन्म 1960 के दशक में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सराय मीर नामक गांव में हुआ था. अबू के पिता एक जाने माने वकील थे , लेकिन सड़क हादसे में उनकी मौत के बाद अबू सलेम का पूरा परिवार बिखर गया . अबू सलेम 7 भाई-बहन थे. मगर पिता की मौत के बाद परिवार बेहद गरीबी के दिन देखने पड़े थे. गरीबी ऐसी थी, कि अबू सलेम की मां ने छोटा-मोटा

Gangster Faheem Khan Story, गैंगस्टर फहीम खान की पूरी कहानी, जिस पर बॉलीवुड ने बनाई थी Gangs of Wasseypur 2

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Gangster Faheem Khan Story, गैंगस्टर फहीम खान की पूरी कहानी, जिस पर बॉलीवुड ने बनाई थी Gangs of Wasseypur-2 बाप का, दादा का, भाई का.....सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल...Gangs of Wasseypur 2फिल्म का ये डायलॉग तो आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं असल में ये डायलॉग और वो पूरी फिल्म किस इंसान की रियल लाइफ पर बनाई गई थी, अगर नहीं पता तो हम आपको बताते हैं, दरअसल, उस शख्स का नाम था फहीम खान, उर्फ फैजल, Faheem Khan उर्फ फैजल की कहानी की शुरुआत होती है 1980 के दशक से मगर इसका बीज बोया गया था 1956 में, जब वासे नाम के एक बिल्डर ने बिहार के धनबाद के बीचों बीच एक जंगल को काटकर मोहल्ला बसाया था , उस समय इस मोहल्ले में केवल सौ लोग रहते थे मगर उस मोहल्ले की आबादी अब ढाई लाख से ज्यादा है, ये धनबाद का सबसे बड़ा मोहल्ला है, क्योंकि मोहल्ले को बसाने वाले बिल्डर का नाम वासे था तो उसे आगे चलकर नाम मिला वासेपुर। फहीम खान इस पूरे इलाके में कोयले की खान को लेकर गुटबाजी और गैंगवार चलती थी, एक तरफ था वासेपुर का खान तो वहीं दूसरी तरफ इलाके के रहीस खानदान थे, तो दूसरी तरफ था रामाधीर का परिवार, मोहल्ले के खा

जिस वकील ने की पैरवी उसी से दिल लगा बैठा था Gangster Sunil Rathi, सुनील राठी की पढ़िए पूरी कहानी

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जिस वकील ने की पैरवी उसी से दिल लगा बैठा था Gangster Sunil Rathi, सुनील राठी की पढ़िए पूरी कहानी जिस प्रोपर्टी पर राठी लिखवा दिया जाता था उस पर हाथ रखने से पहले खरीददार सौ बार सोचता था , अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने हाथ में हथकड़ी पहनने से भी गुरेज नहीं किया, जिस महिला वकील ने उसके केस की पैरवी की उसे ही दिल दे बैठा, यूपी और उत्तराखंड के कई नेताओं से जिसके अच्छे खासे संबंध थे, उस गैंगस्टर का नाम था सुनील राठी.....सुनील राठी फिलहाल दिल्ली की जेल में अपने कर्मों की सजा जरूर काट रहा है मगर कहा जाता है कि वो आज भी उतना ही ताकतवर है जितना जेल जाने से पहले था, उसकी दबंगई के किस्सों की अगर बात करें तो वो खुद कह चुका है कि जिस जेल में उसे 90 दिन रखा जाता है उसी जेल में 91वें दिन से उसका राज शुरू हो जाता है, ये हम नहीं कह रहे बल्कि कई जेल अधिकारी अपने बयान में कह चुके हैं। Gangster Sunil Rathi कहानी की शुरुआत होती है, उत्तर प्रदेश के बागपत से, जहां किसान के परिवार में जन्म हुआ था सुनील राठी का, 90 का दशक था। देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश तब और भी ज्यादा बड़ा हुआ करता था। मत

Gangster Vicky Tyagi जिसे भरी अदालत में एक 16 साल के लड़के ने गोलियों से भूनकर मार डाला था

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Gangster Vicky Tyagi जिसे भरी अदालत में एक 16 साल के लड़के ने गोलियों से भूनकर मार डाला था Vicky Tyagi .....पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वो गैंगस्टर जिससे बदला लेने के लिए एक सोलह साल का लड़का भरी अदालत में हथियार लेकर पहुंच गया था और जज के सामने उसने विक्की त्यागी को इतनी गोलियां मारी एक मैगजीन खत्म हो गई और दूसरी का इस्तेमाल करना पड़ा । आज हम बात करेंगे उसी विक्की त्यागी की जिसे पावर और सत्ता का ऐसा चस्का लगा था कि वो भूल गया कि बुरे काम का नतीजा भी बुरा ही होता है। विक्की त्यागी की कहानी की शुरुआत होती है, कॉलेज के समय से, मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज में छात्रों के बीच क्रिकेट मैच खेला जा रहा था, इसी मैच में दसवीं क्लास में पढ़ने वाले विक्की त्यागी ने अपना आपा त्याग दिया और विरोधी टीम के खिलाड़ियों की इस कदर पिटाई की कि पूरे कॉलेज में छात्र उसके नाम से दहशत में रहने लगे। Gangster Vicky Tyagi विक्की त्यागी मुजफ्फरनगर के चरथावल क्षेत्र के गांव पांवटी खुर्द के एक  संपन्न किसान परिवार  से ताल्लुक रखता था। मृतक विक्की त्यागी के पूर्वजों की एक लंबे समय  से गांव के ही कुछ लोगों से राजनीति के चलते

Monu Dariyapur, एक ऐसा Gangster जो साथी Gangster Sonu Dariyapur की बहन से कर बैठा था मोहब्बत

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Monu Dariyapur, एक ऐसा Gangster जो साथी Gangster Sonu Dariyapur की बहन से कर बैठा था मोहब्बत Monu Dariyapur  का असली नाम भूपेंद्र है , जोकि Bawana के Dariyapur Village में रहता था. इसके पिता का नाम फूल सिंह है.  Monu Dariyapur की स्टोरी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं. Monu Dariyapur की जिंदगी में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब उसे उसके दोस्त और गैंगस्टर सत्यवान उर्फ Sonu Dariyapur  की बहन राजरानी से मोहब्बत हुई. जब इनके प्यार की भनक परिवार वालों को लगी तो वो इसका विरोध करने लगे. परिवार द्वारा लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए दोस्तों के सहयोग से मोनू और राजरानी ने आर्य समाज मंदिर में जाकर शादी कर ली. मोनू दरियापुर और राजरानी की शादी की वजह से दोनों परिवारों में दुश्मनी की शुरुआत हुई. इसी दुश्मनी की वजह से सोनू गैंग के लड़कों ने पंजाब बाग में मोनू और उसकी पत्नी राजरानी की  गाड़ी पर हमला किया. इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके ड्राइवर ब्रह्म  सिंह की मौत हो गई. मोनू पर हुए हमले का बदला लेने के लिए उसकी गैंग के लोग भी सोनू के गैंग के लोगों का ढूंढ ढूंढ कर शिकार करने लगे. सो

KGF की तरह पंजाब के फाजिल्का में भी जन्मा था गैंगस्टर रॉकी उर्फ जसविंदर सिंह

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  जसविंदर सिंह आपने हाल ही में रिलीज हुई साउथ की फिल्म केजीएफ टू देखी होगी, जिसमें रॉकी भाई का किरदार सभी को बेहद पसंद आया, ऐसा ही एक रॉकी की पंजाब में भी था, जिसका जन्म 1971 में फाजिल्का के एक छोटे से गांव में हुआ था, ये रॉकी भी गैंगस्टर से नेता बन गया था जिसकी हार के बाद भी सत्ता के भागीदारों के साथ अच्छी बातचीत थी, आप इस बात से जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी की ताकत का अंदाजा लगा लिजिए की उस पर अलग अलग राज्यों में 22 सीरियस केस दर्ज थे फिर भी पंजाब पुलिस के चार जवान उसकी सुरक्षा में हमेशा तैनात रहते थे, कहा तो ये जाता है कि फाजिल्का में उसे अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिए गए थे, जिसकी किसी को भनक तक नहीं थी। गैंगस्टर रॉकी उर्फ जसविंदर सिंह जसविंदर सिंह रॉकी का 90 के दशक के बाद दबदबा बन रहा था। उस समय पंजाब में भी अपराध का स्तर भी बढ़ चुका था। बताते हैं कि रॉकी की मुलाकात इसी बीच यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी से हुई और उसी की दिखाई राह पर रॉकी आगे बढ़ गया। यूपी के विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में उसे उतारा था। इसके बाद रॉकी धीरे-धीरे अंसारी की आपराधिक गतिविधियों का राजदार